Шукра нити 62

अन्वयः—कौशिकशास्त्रीयसङ्केतैः विना कार्यसाधिका यथाकालोचिता या वाक् सा
अवसरोक्तिः स्मृता ॥६२॥

व्याख्या–कौशिकैः= शब्दसङ्ग्राहकग्रन्थैः
शास्त्रीयसङ्केतैः= शास्त्रविषयकाभिप्राय- व्यञ्जकचेष्टाभिः, विना = अन्तरेण, कार्यसाधिका = अभिप्रायव्यञ्जिका, यथाकालोचिता = समयानुसारिणी, या वाक् = वाणी, सा अवसरोक्तिः, स्मृता = कथिता ॥ ६२ ॥

हिन्दी — शब्दकोश एवं शास्त्रसम्मत अभिप्रायव्यञ्जक अर्थों के बिना ही अभिप्राय समझाने वाली समय के अनुसार उचित बोली गई वाणी को ‘अवसरोक्ति’ कहते हैं ॥ ६२ ॥

विनेति । कौशिकैः वृत्तिभेदैः शास्त्रीयसङ्केतैश्च विना कार्य्यसाधिका अर्थबोधिका यथाकालोचिता कालानुसारिणी या वाक्, सा अवसरोक्तिः स्मृता ॥६२ ॥

Надлежащая устная речь в соответствии с моментом (по ситуации), которая выражает мнение без словаря и смысла писаний, называется «Авасарокти». (अवसर — момент, उक्ति — устная речь)

Шукра нити 62
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