रूपयौवनसम्पन्ना विशालकुलसम्भवाः ।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धाः किंशुका यथा ॥
रूप और यौवन से सम्पन्न तथा कुलीन परिवार में जन्मा लेने पर भी विद्या हीन पुरुष पलाश के फूल के समान है जो सुन्दर तो है लेकिन खुशबु रहित है.
Хотя наделенный красотой, молодостью и рожденный в достойной семье, человек, лишенный знаний, подобен цветку палаш, который прекрасен, но лишен аромата.
Чанакья Нити 3.8