विद्यार्थी सेवकः पान्थः क्षुधार्तो भयकातरः ।
भाण्डारी प्रतिहारी च सप्त सुप्तान्प्रबोधयेत् ॥
इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए… १. विद्यार्थी २. सेवक ३. पथिक ४. भूखा आदमी ५. डरा हुआ आदमी ६. खजाने का रक्षक ७. खजांची
Этих семерых необходимо разбудить, если они уснули: 1. Студент 2. Слуга 3. Путник 4. Голодный человек 5. Испуганный человек 6. Повар 7. Привратник(охранник).
विद्याम् अर्थयति इति-विद्यार्थी-студент, उपपद तत्पुरुष स.,पान्थः -путник क्षुध्(сущ) -(न.लि.)-голод, (глагол)- ४ प.प. क्षुध्यति- быть голодным,आर्त- прилагательное-быть под воздействием, क्षुधया आर्तः – क्षुधार्तः,भयम्- страх,ужас, कातर – прилагательное-быть взволнованным, भयेन कातरः -भयकातरः( оба तृ. तत्पुरुष स.),भाण्डारी -повар, प्रतिहारी- привратник, охранник.
प्रतिहारः ворота, дверь.
बुध्- बोधति-ते, १ उ. प. बुध्यते ४ आ.प. знать, понимать, प्र+बुध्-будить-प्रायोजक- प्रबोधयति- प्रबोधयेत्-विद्यर्थ, तृ. पु. ए.वचन -разбудить. स्वप्-स्वपिति २ प.प.спать-सुप्त-засыпать (क.भू.धा.वि), सुप्तान्-पु.लि. द्वि. वि.ब.वचन