अनभ्यासे विषं शास्त्रमजीर्णे भोजनं विषम् ।
दरिद्रस्य विषं गोष्ठी वृद्धस्य तरुणी विषम् ॥
जिस अध्यात्मिक सीख का आचरण नहीं किया जाता वह जहर है. जिसका पेट ख़राब है उसके लिए भोजन जहर है. निर्धन व्यक्ति के लिए लोगो का किसी सामाजिक या व्यक्तिगत कार्यक्रम में एकत्र होना जहर है.और वृद्धपुरुष के लिए युवती स्त्री विष के समान है
Знание (шастры — инструкции) полученное, но не используемое на практике — подобно яду.
Тому у кого болен живот — еда — это яд.
Для бедных социум (так как не подпускает к себе) — яд.
А для пожилого мужчины — молодая девушка — яд.
Чанакья нити 4.15