इन्द्रियाणि च संयम्य रागद्वेषविवर्जितः ।
समदुःखसुखः शान्तः तत्त्वज्ञः साधुरुच्यते ॥
बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण कीजिये .
Мудрый человек должен контролировать свои чувства, как цапля, и достигать своей цели, полностью заботясь о месте, времени и возможностях.
Чанакья Нити 6.17