Чанакья Нити 8.9

हतं ज्ञानं क्रियाहीनं हतश्चाज्ञानतो नरः ।
हतं निर्णायकं सैन्यं स्त्रियो नष्टा ह्यभर्तृकाः ॥

यदि ज्ञान को उपयोग में ना लाया जाए तो वह खो जाता है. आदमी यदि अज्ञानी है तो खो जाता है. सेनापति के बिना सेना खो जाती है. पति के बिना पत्नी खो जाती है.

Если знания не используются, они теряются. Если человек невежественен, то он будет потерян (в обществе). Армия потеряна без командира. Жена пропадает без мужа.

क्रियाहीनम् ज्ञानम् हतम् (भवति), अज्ञानतः नरः हतः च (भवति), निर्-नायकम् सैन्यम् हतम् (भवति), (तथा) अभर्तृकाः स्त्रियः हि नष्टाः (भवन्ति)।

Чанакья Нити 8.9

Добавить комментарий

Пролистать наверх